रहीमदास - बिगरी बात बने नही........मथे न माखन होय|, कबीरदास - वृक्ष कभून ना फल चखें........साधुन धरा सरीर|, तुलसीदास - आवत ही हर्षे नही.........कंचन बरसे मेह|, औचित्या - तर्क संगत, कनिष्ठ - उम्र में छोटा, शाशवत - नित्य, अनुपम - जिसकी कोई उपमा न हो, द्विज - पक्षी, ब्रह्मण, 49 - उनचास, 36 - छत्तीस,

शब्द प्रवाह

さんの投稿です

リーダーボード

表示スタイル

オプション

テンプレートを切り替える

自動保存: を復元しますか?